Suryadarshan
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श्याम मंद मंद आज मुस्का रहे ,देख मटकी माखन की ललचा रहें.
माँ इधर उधर तो हो ,माखन हांथो में हो …. सोंच श्याम मन ही मन हर्षा रहे .
श्याम मंद मंद आज मुस्का रहे …..
श्याम कदम्ब दाल बैठ मुरली बजा रहे ,देख मटकी गोपियों की इतरा रहे .
गोपिय्ना जरा पास तो आये ,हम इनकी पुंगी बजाये .. सोंच श्याम मन ही मन हर्षा रहे .
श्याम मंद मंद आज मुस्का रहे …..
देख कर आज कलयुग की दसा ,राजा की करनी ,दामनी की दसा,,
अपने कलयुग अवतार के इंतजार में ,भर के आंसू श्याम शिस्का रहे..
श्याम मंद मंद आज मुस्का रहें …..
(सूर्य कान्त दिक्षित )
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